DR DEEPTI GAUR

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हिन्दी दिवस प्रतियोगिता - दो मुक्तक 18-Sep-2022

#हिन्दी दिवस प्रतियोगिता


दो मुक्तक

मुस्कुराना ही काफी है इक आपका,

ज्यादा हंसने से शीशा चटक जाएगा l

गेसुओं को रखो मत खुला छोड़ कर,

देखकर दिल किसी का भटक जाएगा।




जिनको देखा न कभी मैंने अपनी आंखों से,

उनकी तस्वीर खयालों में बना करती है l

उनसे जब सामना होगा तो जाने क्या होगा,

एक उलझन-सी मेरे दिल में रहा करती है l


-:रचनाकार:-

डॉ. दीप्ति गौड़ 

ग्वालियर मध्यप्रदेश

(वर्ल्ड रिकॉर्ड पार्टिसिपेंट)

सर्वांगीण दक्षता हेतु राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली की ओर से भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति महामहिम स्व. डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्मृति स्वर्ण पदक, विशिष्ट प्रतिभा सम्पन्न शिक्षक के रूप में राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित ।

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4 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन और एकदम उत्कृष्ठ लेखन

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Raziya bano

20-Sep-2022 04:39 AM

Nice

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Achha likha hai

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